आज के समय में लगभग सभी के पास मोबाइल होती है I अब ऐसे में आप अगर मोबाइल इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर है की आप APPS का इस्तेमाल भी अवश्य हीं करते होंगे I आप जब भी APPS को INSTALL करते होंगे तब वो आपसे कुछ चीजों की परमिशन माँगता होगा I
तो आइये इस लेख में हम विश्तारपूर्वक जानेंगे की एप्प परमिशन क्या होता है और उसकी उपयोगिता क्या है ?
एप्प परमिशन क्या होता है / What is Apps Permission ?
Table of Contents
जब भी आप कोई एप्लिकेशन को इनस्टॉल करते हैं तो उस installation को पूरी करने के लिए आपसे कुछ परमिशन मांगी जातीं है मसलन – लोकेशन , मैसेज , कॉल इत्यादि । इन परमिशन्स के द्वारा मोबाइल के कुछ फंक्शन्स की एक्सेसिबिलिटी / अभिगम्यता ली जाती है जो की उस ऐप्प के सुचारु रूप से काम करने के लिए आवश्यक होते हैं ।
उदाहरण के तौर पर अगर आप Google की नेविगेशन फीचर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो जाहिर सी बात है की आपको इस ऐप्प के लिएअपने मोबाइल सेटिंग्स में Locations फीचर के लिए परमिशन देनी होगी ताकि ये ऐप्प आपके स्थान संबधित जानकारी को दिखा सके ।
एंड्राइड एप्प परमिशन की सूचि / Android App Permissions List
एंड्राइड मोबाइल में कई तरह के परमिशन्स की आवश्यकता हो सकती है । इनमें से कुछ परमिशन्स मानक रूप से हर मोबाइल में प्रस्तुत रहते हैं । उनकी सूचि निम्नलिखित है –
1.) बॉडी सेंसर / Body Sensor
2.) केलिन्डर
3.) कॉल की सूचि / Call Logs
4.) कैमरा
5.) कॉन्टेक्ट्स
6.) लोकेशन / Location
7.) Microphone
8.) SMS / लघु सन्देश
9.) मोबाइल स्टोरेज
10.) टेलीफोन
मोबाइल ब्रांड्स के द्वारा मांगे जाने वाले कुछ एडिशनल परमिशन –
a.) एक्सेस Broadcasted कंटेंट
b.) कार इनफार्मेशन
c.) रीड इंस्टेंट मैसेज
d.) राइट इंस्टेंट मैसेज
e.) राइट एंड चेंज परमिशन
आइये इन परमिशन्स को हम विस्तार पूर्वक समझते हैं।
1.) बॉडी सेंसर / Body Sensor
ये परमिशन आपके स्वस्थ्य सम्बन्धी जानकारियों को इकट्ठी करने के लिए ली जाती हैं। जैसे आपकी ह्रदय गति , रक्तचाप , स्टेप काउंट ( दौड़ने की गति ) , पुशअप्स इत्यादि । ऐसे परमिशन्स आम तौर पर वैसे apps के लिए आवश्यक हॉट हैं जो व्यायाम से सम्बंधित होते हैं जैसे – Fitness tracking apps , कैलोरीज काउंटर इत्यादि ।
2.) केलिन्डर / Calender
मोबाइल में ये परमिशन आपके दैनिक दिनचर्या , पंचांग , तिथि, अनुसूची इत्यादि जानकारी को लेने के लिए ली जाती हैं। अधिकांशतः Apps को कार्य की अनुसूची तैयार करने , आपके आगामी आयोजन इत्यादि को सूचीबद्ध करने के लिए इस परमिशन की आवश्यकता होती है।
3.) कॉल की सूचि / Call Logs
कई ऐसे Apps होते हैं जिन्हे सही से काम करने के लिए आपके कॉल रिकार्ड्स की आवश्यकता होती है । मसलन कॉल किस नंबर से आयी है या आपने किसे कॉल किया है और बहुत कुछ।
उदाहरण के तौर पर कई ऐसे Apps हैं जिसे हम कॉल करने वाले बन्दे की पहचान को जान सकते हैं। अब ऐसे में अगर ये पमिशन हीं न दिया जाए तो वो App इस जानकारी का क्रियान्वयन हीं नहीं कर पायेगा ।
4.) कैमरा
कैमरा परमिशन की जरुरत ऐसे ऐप्प्स को होती हैं जो फोटो , वीडियो, मीडिया सम्बंधित डाटा का इस्तेमाल करते हैं और उनको अपने कार्य को पूरा करने के लिए इसकी जानकारी की आवश्यकता है । उदाहरण के तौर पर camera app , Image beautifying apps ( चित्र का सौंदर्यीकरण करने वाले ), social मीडिया एप्पस आदि ।
5.) कॉन्टेक्ट्स / Contacts
ऐसे ऍप्लिकेशन्स जिनकी आधारभूत संरचना आपके कॉन्टेक्ट्स की सूचि के प्रबंधन या इस्तेमाल पर आधारित हैं, उन्हें आपके मोबाइल कॉन्टेक्ट्स की परमिशन की जरुरत पड़ती है ।
उदाहरण के तौर पर अगर आपको किसी कॉल को ब्लॉक करना है , सोशल मीडिया पर कॉल या मैसेज करना है, आदि तो जाहिर सी बात है की APP को आपके कॉन्टेक्ट्स की सूचि की जानकारी होनी चाहिए तभी आप ऐसा कर पाएंगे।
6.) लोकेशन / Location
यह परमिशन Apps को आपके मोबाइल के स्थान की उपस्थिति की जानकारी लेने की अनुमति प्रदान करता हैं ।
मिसाल के तौर पर अगर आपको कहीं जाना होता है तो आप नेविगेशन ( पथ प्रदर्शन ) का इस्तेमाल करते हैं । पर एप्प को इसके लिए आपके स्थान की जानकारी होना बहुत आवश्यक है । इसलिए वो आपके वर्त्तमान स्थिति की जानकारी लेता है और आपको आगे का मार्ग बताता है ।
7.) Microphone / माइक
कई ऍप्लिकेशन्स की संरचना Mic आधारित फीचर्स पर हीं निर्भर रहती है। इसलिए अपने मूल कार्य को करने के लिए उन्हें आपके माइक / माइक्रोफोन की परमिशन की आवश्यकता होती है ।
उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी एप्प का इस्तेमाल कॉल रिकॉर्ड , ऑडियो रिकॉर्ड , वीडियो एडिटिंग आदि के लिए इस्तेमाल करते हैं तो ये पक्की बात है की वे आपके मोबाइल के माइक्रोफोन का इस्तेमाल अवश्य करेंगे और इसके लिए उन्हें परमिशन भी चाहिए होगा ।
8.) SMS / लघु सन्देश
ये परमिशन एप्प्स को नए तथा पूरा मैसेज पढ़ने , मैसेज भेजने , उसको संपादित करने इत्यादि की अनुमति प्रदान करती है।
उदाहरण के तौर पर कई UPI , बैंकिंग apps को ट्रांसक्शन पूरी करने के लिए आपके रजिस्टर्ड मोबाइल की OTP (ओटीपी) की आवश्यकता होती है। ऐसे में ये परमिशन उनको इस तरह की जानकारी को सीधे आपके मोबाइल से लेने में अभिगम्यता प्रदान करती है।
9.) मोबाइल स्टोरेज
इस तरह के परमिशन्स सबसे सामान्य श्रेणी में आते हैं । ऐसे शायद कुछ हीं अप्प्स हैं जिन्हे इसकी जरुरत न पड़ती हो । चाहे आप कोई भी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते हों , उसका डाटा तो मोबाइल में हीं save होगी । ऐसे में तक़रीबन हर App को Mobile storage की परमिशन की आवश्यकता पड़ती हीं है ।
उदाहरण के लिए अगर आप कैमरा से कोई पिक्चर क्लिक करते हैं तो वो आपके फ़ोन के गैलरी में संचय हो जाती हैं ताकि आप उसे बाद में देख सकें, उसका इस्तेमाल कर सकें जो की कुछ और नहीं आपके मोबाइल की स्टोरेज का हीं इस्तेमाल करती है ।
10.) टेलीफोन
इस परमिशन की जरुरत सेलुलर नेटवर्क की जानकारी, इंटरनेट प्रदाता की जानकारी , डायलर , इत्यादि जानकारी के लिए जरुरत होती है ।
उदाहरण के लिए अगर आप VPN एप्प का इस्तेमाल करते हैं तो उसे आपके इंटरनेट प्रदाता, आपके मोबाइल की IP एड्रेस की जानकारी इत्यादि की जरुरत होती है । इस परमिशन के द्वारा उसे ये जानकारी स्वतः प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है ।
App परमिशन्स से जुड़े जोखिम और आपके गोपनीयता को खतरा
एप्प परमिशन की जरुरत जब केवल अपने कार्य को करने के लिए हो तो वो बात सामान्य है । पर ये देखने में आया है की कई एप्प इस्तेमालकरने से पहले आपसे बिना जरुरत भी कुछ अतिरिक्त permissions चाहते हैं ।
ऐसे में वो आपसे इनस्टॉल करते समय छोटे-छोटे अक्षरों में अपनी गोपनीय निति ( Privacy Policy ) को स्वीकार भी करवाते हैं । ये इतनी लम्बी – चौड़ा भी होती है की कोई इन्हे पढ़ता नहीं । यहीं से आपके लिए एक जोखिम की सुरुवात हो जाती है । जाने-अनजाने हम सभी पमिशन्स को स्वीकार कर लेते हैं, वैसे भी जिनकी कोई आवश्यकता नहीं होती ।
अब मान लो एक picture के सौंदर्यीकरण की app है । वो आपसे आपके कॉल , मैसेज और लोकेशन की भी जानकारी ले लेती है। हालाँकि उनका इससे कोई लेना – देना नहीं है। इसलिए ये एक संदेहजनक बात है। वो इस जानकरी का इस्तेमाल आपकी निजी जानकारी को इकठ्ठा करने के लिए करते हैं ।
ऐसी स्तिथि में ये सम्भावना रहती है की आपके निजी जानकारी को उस एप्लीकेशन की कंपनी अपने निजी स्वार्थ के लिए दूसरे के साथ साझा कर सकती है ।
ऊपर का उदाहरण भले हीं छोटा लगे पर ये तथ्य काफी बड़ा है । ये सोचने योग्य बात है की अगर किसी कंपनी को आपकी सारी बात , कॉल डिटेल्स , स्वास्थ्य, दिनचर्या इत्यादि की जानकरी हो और वो इसे किसी को बेच दे या किसी अन्य कंपनी , देश से शेयर तो ये कितनी गंभीर बात है ।
App Permissions और गूगल में एप्प परमिशन क्या होता है
पहले के समय में अगर आप कोई भी एप्लीकेशन को इनस्टॉल करते थे तो आपको मजबूरन सारे पेर्मिशन्स की अनुमति उस अप्प को देनी पड़ती थी । उनके टर्म्स एंड कंडीशंस या तो आप माने या फिर आप उसे इस्तेमाल हीं नहीं कर सकते थे ।
ये स्तिथि काफी भयावह सी होने लगी थी । हर एप्लीकेशन के साथ अपनी साड़ी जानकारी साझा करना सिक्योरिटी के लिहाज से कतई सुरक्षित नहीं है। लोगों में इसे लेकर अशंतोष का भाव उठने लगा ।
गूगल को भी इन सभी गतिविधियों की पूरी जानकरी थी, आखिर अधिकांशतः ऍप्लिकेशन्स Google PLAY STORE से हीं इनस्टॉल किये जाते हैं । ऐसे में गूगल ने Android 6.0 के लॉन्च के साथ लोगों को ये चुनने का मौका प्रदान किया की कौन से App को वो कौन कौन सी जानकारी इकट्ठी करने की अनुमति दें ।
अब जब भी आप कोई एप्लीकेशन इनस्टॉल करते हैं और उसे ओपन करते हैं तो वो बाकायदा आपसे पेर्मिशन्स मांगता है और आप अगर न चाहे तो उसे “DENY” भी कर सकते हैं ।
पर इसका अर्थ ये कतई नहीं की आप उस App के मूल कार्य को करने की जरुरत को पूरा करने वाले परमिशन्स भी न दें । ऐसे में वो App काम हीं नहीं कर पायेगी ।
App परमिशन , डाटा प्राइवेसी और एप्लीकेशन का बैन होना
जैसा की हमने ऊपर बताया App परमिशन पर तो आपका थोड़ा – बहुत कण्ट्रोल हो गया पर यहाँ डेटा की प्राइवेसी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है । ये दोनों बातें जुड़ी जरूर हैं पर एक नहीं है ।
मसलन अगर आप किसी APP को अपने कॉल रिकार्ड्स की परमिशन देते हैं तो वो केवल अपने से जुडी चीज़ें हीं नहीं रखता अपितु सारे रिकार्ड्स उसके पास आ जाते हैं । यही मामला स्टोरेज की आड़ में आपके सारे फोटोज, वीडियोस इत्यादि के साथ भी हो सकता है अगर कोई APP कंपनी चाहे तो।
और तो और privacy policy के नाम पर कुछ कंपनियां आपसे ये permission भी ले लेती हैं की वो आपके डाटा का कमर्शियल यानि व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकते हैं ।
उदाहरण के तौर पर कुछ महीनों पहले FACEBOOK जैसी बड़ी कंपनी अपने उपभोक्ताओं के डाटा को साझा करने के मामले में न्यूज़ में बनी हुई थी । हालाँकि अमेरिका के पार्लियामेंट और कोर्ट में उसने आधिकारिक तौर पर ये आश्वश्त किया की आगे से वे ऐसी नीति बनाएँगे जिससे उपयोगकर्ता के डाटा की प्राइवेसी ज्यादा सुरक्षित रहे ।
पर्सनल डाटा प्राइवेसी और APPS का बैन करना
अभी हाल हीं में भारत में 49 Chinese APPS को बैन किया गया है । बैन करने का आधार भारतीय लोगों के डाटा की सुरक्षा है। इसी कड़ी में TIK TOK को भी बैन किया गया । भारत सरकार ने ये स्पष्ट किया की ये चीनी APP कंपनियां भारतियों के डाटा को चीन के गवर्नमेंट को साझा कर रहे हैं जो की बहुत हीं गंभीर मसला है ।
यहाँ तक की कई और देश जैसे अमेरिका , जापान , आदि भी ऐसे Apps को बैन करने की तरफ अग्रसर हैं ।
App परमिशन कैसे डिसेबल करें / How to turn off app permission
एंड्राइड 6.0 और उसके बाद के सारे संस्करणों में गूगल ने मोबाइल के उपयोगकर्ता को ये विकल्प दिया है की वो APP Permissions को अपने अनुरूप प्रबंधन कर सके। ये आप दो तरीकों से कर सकते हैं ।
1.) App को इनस्टॉल करते समय –
आप जब भी किसी को ऐप्प को इनस्टॉल करते हैं तो उसे पहली बार इस्तमाल करने के समय App आपसे “परमिशन्स” को “accept” करने की अनुमति मांगती है । अगर आपको लगे की कोई जानकारी है जो आपको उस App से साझा नहीं करनी तो आप उसे “DENY” कर दें ।
2.) Settings के द्वारा –
आप अपने मोबाइल के सेटिंग्स में जाऐं । वहां आपको Apps नाम से एक विकल्प मिलेगी । उसके एक नयी विंडो खुलेगी जिसमें आपको “Permissions” की विकल्प मिलेगी ।
इसी ऑप्शन में आपको तमाम पेर्मिशन्स की लिस्ट मिल जाएगी। यहाँ से आप देख सकते हैं की कौन कौन सी app कौन सी permissions को access कर पा रही हैं । अगर आपको लगता है की कोई अप्प अनावश्यक जानकारी ले रही हैं तो आप उसे डिसेबल यानि की बंद कर सकते हैं ।
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निष्कर्ष
आशा है आप अब तक समझ गए होंगे की मोबाइल में एप्प परमिशन क्या होता है और इसकी कितनी उपयोगिता है । इसे कभी भी हलके में न लें क्योंकि ये आपके व्यक्तिगत गोपनीयता और आपकी अन्य जानकारी से जुडी हुई है । जिस भी App की आपको जरुरत न हो उसे मोबाइल में न हीं रखे तो ज्यादा अच्छा है ।
और अगर आप कई Apps रखना चाहते भी हैं तो ये जरूर आश्वस्त करें की वो Google के Play Store से हीं डाउनलोड की जाए। साथ हीं साथ ये भी जरूर देखे की किस ऐप्प को कौन सी परमिशन्स की आवश्यकता है । अनावश्यक permissions की अनुमति न दें तथा उसे डिसेबल कर दें।
उम्मीद है की ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगी । अगर आपको उपरोक्त जानकारी लाभप्रद लगी हो तो इसे अपने मित्रों और परिवार के साथ अवश्य शेयर करें । और नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं की आप इस बारे में क्या सोचते हैं ।
आशा है आपसे अगले लेख में अवश्य मुलाकात होगी ।
आप सभी सकुशल रहें , सतर्क रहें तथा दूसरों को भी जागरूक करें – धन्यवाद ।